"गीता 2:39": अवतरणों में अंतर
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हे < | हे पार्थ<ref>पार्थ, भारत, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! यह बुद्धि तेरे लिये ज्ञान योग के विषय में कही गयी और अब तू इसको कर्मयोग के विषय में सुन कि जिस बुद्धि से युक्त हुआ तू कर्मों के बन्धन को भलीभाँति त्याग देगा यानि सर्वथा नष्ट कर डालेगा ।।39।। | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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08:01, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-39 / Gita Chapter-2 Verse-39
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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