"गीता 7:11": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>" to "<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 12: | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
'''बलं बलवतां चाहं कामरागविवर्जितम् ।'''<br/> | '''बलं बलवतां चाहं कामरागविवर्जितम् ।'''<br/> | ||
''' | '''धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ ।।11।।''' | ||
</div> | </div> | ||
---- | ---- | ||
पंक्ति 23: | पंक्ति 22: | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
हे < | हे भरतश्रेष्ठ<ref>पार्थ, भारत, धनंजय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, भरतश्रेष्ठ, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! मैं बलवानों का आसक्ति और कामनाओं से रहित बल अर्थात् सामर्थ हूँ और सब भूतों में [[धर्म]] के अनुकूल अर्थात् शास्त्र के अनुकूल काम हूँ ।।11।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
पंक्ति 58: | पंक्ति 57: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | {{गीता2}} | ||
</td> | </td> |
07:55, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-7 श्लोक-11 / Gita Chapter-7 Verse-11
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||