"गीता 7:2": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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अपने समग्र रूप से ज्ञान-विज्ञान के कहने की प्रतिज्ञा करके अब भगवान् अपने उस स्वरूप का | अपने समग्र रूप से ज्ञान-विज्ञान के कहने की प्रतिज्ञा करके अब भगवान् अपने उस स्वरूप का तत्त्व जानने की दुर्लभता का प्रतिपादन करते हैं- | ||
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मैं तेरे लिये इस विज्ञान सहित | मैं तेरे लिये इस विज्ञान सहित तत्त्व ज्ञान को सम्पूर्णतया कहूँगा, जिसको जानकर संसार में फिर और कुछ भी जानने योग्य शेष नहीं रह जाता ।।2।। | ||
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07:00, 17 जनवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-7 श्लोक-2 / Gita Chapter-7 Verse-2
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