"गीता 2:6": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार कर्त्तव्य का निर्णय करने में अपनी असमर्थता प्रकट करने के बाद अब <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | इस प्रकार कर्त्तव्य का निर्णय करने में अपनी असमर्थता प्रकट करने के बाद अब <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> भगवान् की शरण ग्रहण करके अपना निश्चित कर्तव्य बतलाने के लिये उनसे प्रार्थना करते हैं- | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> भगवान् की शरण ग्रहण करके अपना निश्चित कर्तव्य बतलाने के लिये उनसे प्रार्थना करते हैं- | ||
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07:51, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-6 / Gita Chapter-2 Verse-6
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