"गीता 2:70": अवतरणों में अंतर
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स्थितप्रज्ञ कैसे चलता है ? <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | स्थितप्रज्ञ कैसे चलता है ? <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> का यह चौथा प्रश्न परमात्मा को प्राप्त हुए पुरुष के विषय में ही था; किंतु यह प्रश्न आचरण विषयक होने के कारण उसके उत्तर में श्लोक चौसठ से यहाँ तक किस प्रकार आचरण करने वाला मनुष्य शीघ्र स्थितप्रज्ञ बन सकता है, कौन नहीं बन सकता और जब मनुष्य स्थितप्रज्ञ हो जाता है उस समय उसकी कैसी स्थिति होती है- ये बातें बतलायी गयीं । अब उस चौथे प्रश्न का स्पष्ट उत्तर देते हुए स्थितप्रज्ञ पुरुष के आचरण का प्रकार बतलाते हैं- | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> का यह चौथा प्रश्न परमात्मा को प्राप्त हुए पुरुष के विषय में ही था; किंतु यह प्रश्न आचरण विषयक होने के कारण उसके उत्तर में श्लोक चौसठ से यहाँ तक किस प्रकार आचरण करने वाला मनुष्य शीघ्र स्थितप्रज्ञ बन सकता है, कौन नहीं बन सकता और जब मनुष्य स्थितप्रज्ञ हो जाता है उस समय उसकी कैसी स्थिति होती है- ये बातें बतलायी गयीं । अब उस चौथे प्रश्न का स्पष्ट उत्तर देते हुए स्थितप्रज्ञ पुरुष के आचरण का प्रकार बतलाते हैं- | ||
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07:51, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-70 / Gita Chapter-2 Verse-70
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