"गीता 2:40": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार कर्मयोग का | इस प्रकार कर्मयोग का महत्त्व बतलाकर अब उसके आचरण की विधि बतलाने के लिये पहले उस कर्मयोग में परम आवश्यक जो सिद्ध कर्मयोगी की निश्चयात्मिका स्थायी समबुद्धि है, उसका और कर्मयोग में बाधक जो सकाम मनुष्यों की भिन्न-भिन्न बुद्धियाँ हैं, उनका भेद बतलाते हैं- | ||
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10:26, 13 मार्च 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-40 / Gita Chapter-2 Verse-40
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