"गीता 7:11": अवतरणों में अंतर
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हे < | हे भरतश्रेष्ठ<ref>पार्थ, भारत, धनंजय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, भरतश्रेष्ठ, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! मैं बलवानों का आसक्ति और कामनाओं से रहित बल अर्थात् सामर्थ हूँ और सब भूतों में [[धर्म]] के अनुकूल अर्थात शास्त्र के अनुकूल काम हूँ ।।11।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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08:00, 5 जनवरी 2013 का अवतरण
गीता अध्याय-7 श्लोक-11 / Gita Chapter-7 Verse-11
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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