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गीता अध्याय-7 श्लोक-9 / Gita Chapter-7 Verse-9


पुण्यो गन्ध: पृथिव्यां च तेजश्चास्मि विभावसौ ।
जीवनं सर्वभूतेषु तपश्चास्मि तपस्विषु ।।9।।



मैं पृथ्वी में पवित्र गन्ध और अग्नि में तेज हूँ तथा सम्पूर्ण भूतों में उनका जीवन हूँ और तपस्वियों में तप हूँ ।।9।।

I am the pure odour the subtle principle of odour in the earth and the brilliance in fire; nay, I am the life in all beings and the austerity in men of askesis. (9)


पृथिव्याम् = पृथिवी में;पुण्य: = पवित्र; गन्ध: =गन्ध; विभावसौ = अग्नि में;तेज: = तेज; अस्मि = हूं; सर्वभूतेषु = संपूर्ण भूतों में (उनका); जीवनम् = जीवन हूं अर्थात् जिससे वे जीते हैं वह मैं हूं; तपस्विषु = तपस्वियों में; तप: =तप; अस्मि = हूं



अध्याय सात श्लोक संख्या
Verses- Chapter-7

1 | 2 | 3 | 4, 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29, 30

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)