बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम् । बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ।।10।।
हे अर्जुन[1] ! तू सम्पूर्ण भूतों का सनातन बीज मुझ को ही जान। मैं बुद्धिमानों की बुद्धि और तेजस्वियों का तेज़ हूँ ।।10।।
Arjuna, know me the eternal seed of all beings. I am the intelligence of the intelligent; the glory of the glorious am I.(10)
पार्थ = हे अर्जुन; सर्वभूतानाम् =संपूर्ण भूतों का; सनातनम् = सनातन; बीजम् = कारण; माम् =मेरे को ही; विद्वि = जान; अहम् =मैं; बुद्विमताम् = बुद्विमानों की; बुद्वि: = बुद्वि; तेजस्विनाम् = तेजस्वियों का; तेज: =तेज; अस्मि = हूं
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