'हम्पी' मध्यकालीन हिन्दू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी के नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी।
भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व के विरासत स्थलों की संख्या में शामिल है।
प्रसिद्ध मध्यकालीन विजयनगर राज्य के खंडहर हम्पी के निकट विशाल खंडहरों के रूप में पड़े हुए हैं। कहते हैं कि पम्पपति के कारण ही इस स्थान का नाम हम्पी हुआ है। स्थानीय लोग 'प' का उच्चारण 'ह' कहते हैं और पंपपति को हंपपति (हंपपथी) कहते हैं। हम्पी हम्पपति का ही लघुरूप है।
यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल हम्पी भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 2002 में भारत सरकार ने इसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। .... और पढ़ें
दक्षिण पू्र्वी भारत में स्थित हैदराबाद शहर आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया था, जिनके शासन में गोलकुंडा ने वह महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया, जहाँ केवल उत्तर में मुग़ल साम्राज्य ही उससे आगे था।
हैदराबाद की नींव बसाते समय मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह को एक स्थानीय बंजारा लड़की भागमती से प्रेम हो गया। भागमती से शादी के बाद उसने इस शहर का नाम 'भाग्यनगरम' रखा। तत्कालीन चलन के अनुरूप इस्लाम स्वीकार करने के बाद, भागमती का नाम हैदर महल रखा गया और शहर को भी हैदराबाद नाम मिला।[1]
ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर हैदराबाद भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी एक अलग अहमियत रखता है। इस शहर को विविध संस्कृतियों के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं।
हैदराबाद पहुँचने के लिए सभी प्रकार की यातायात सुविधाएँ उपलब्ध है। हैदराबाद पर्यटक आसानी से पहुँच सकते हैं। ऐतिहासिक स्थलों अजंता और एलोरा से जुड़े औरंगाबाद के लिए भी साधन उपलब्ध हैं। .... और पढ़ें
हुमायूँ का मक़बरा मुग़ल स्थापत्य कला या मुग़ल वास्तुकला से सम्बंधित है। हुमायूँ एक महान मुग़ल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी।
हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूँ की याद में हुमायूँ की मृत्यु के आठ साल बाद बनवाया था। ग़ुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी क़िले में स्थित थी, जो कि नसीरूद्दीन महमूद (शासन 1268-1287) के पुत्र सुल्तान केकूबाद की राजधानी थी।
यही मक़बरा विश्व विख्यात ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा बना। इस मक़बरे का प्रभाव ताजमहल पर भी देखा जा सकता है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्ज़ा दिया है।
इस मक़बरे की देखरेख भारतीय पुरातत्त्व विभाग करता है। यह पहली जगह है जहाँ मक़बरे के साथ-साथ पार्क भी स्थित हैं। यहाँ भारतीय परम्परा एवं पारसी शैली की वास्तुकला का अदभुत संगम देखने को मिलता है। .... और पढ़ें