हे योगेश्वर[1] ! मैं किस प्रकार निरन्तर चिन्तन करता हुआ आपको जानूँ और हे भगवान् ! आप किन-किन भावों में मेरे द्वारा चिन्तन करने योग्य हैं ? ।।17।।
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O Master of Yoga, through what process of continuous meditation shall I know you? And in what particular forms, O Lord, are you to be meditated upon by me?
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