मैं दमन करने वालों का दण्ड अर्थात् दमन करने की शक्ति हूँ, जीतने की इच्छा वालों की नीति हूँ, गुप्त रखने योग्य भावों का रक्षक मौन हूँ और ज्ञानवानों का तत्त्व ज्ञान मैं ही हूँ ।।38।।
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I am the subduing power in rulers; I am righteousness in those who seek to conquer. Of things to be kept secret, I am the custodian in the shape of reticence; and I am the wisdom of the wise . (38)
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