अथवा हे अर्जुन[1] ! इस बहुत जानने से तेरा क्या प्रयोजन हैं। मैं इस सम्पूर्ण जगत् को अपनी योग शक्ति के एक अंशमात्र से धारण करके स्थित हूँ ।।42।।
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Or, what will you gain by knowing all this in detail, Arjuna suffice it to say that I stand holding this entire universe by a fraction of My yogic power. (42)
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