पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् । झषाणां मकरश्चास्मि स्तोत्रसामस्मि जाह्रवी ।।31।।
मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्रधारियों में श्रीराम[1] हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्री भागीरथी गंगा[2] हूँ ।।31।।
Among purifiers, I am the wind; among warriors, I am sri Rama. Among fishes, I am the shark; and among streams, I am the ganges. (31)
पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें; झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; स्तोत्रसाम् = नदियों में; जाह्रवी = श्रीभागीरथी गगडा;
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