"गीता 10:31": अवतरणों में अंतर
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'''पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् ।'''<br/> | '''पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् ।'''<br/> | ||
'''झषाणां मकरश्चास्मि | '''झषाणां मकरश्चास्मि स्तोत्रसामस्मि जाह्रवी ।।31।।''' | ||
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पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें; झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; | पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें; झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; स्तोत्रसाम् = नदियों में; जाह्रवी = श्रीभागीरथी गगडा; | ||
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13:59, 12 जुलाई 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-31 / Gita Chapter-10 Verse-31
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