जिसका मन वश में किया हुआ नहीं है, ऐसे पुरुष द्वारा योग दुष्प्राप्य है और वश में किये हुए मन वाले प्रयत्नशील पुरुष द्वारा साधन से उसका प्राप्त होना सहज है- यह मेरा मत है ।।36।।
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Yoga is difficult of achievement for one whose mind is not subdued; by him; however who has the mind under control, and is ceaselessly striving, it can be easily attained through practice. Such is my conviction. (36)
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