जिस काल में न तो इन्द्रियों के भोगों में और न कर्मों में ही आसक्त होता है, उस काल में सर्वसंकल्पों का त्यागी पुरुष योगारूढ कहा जाता है ।।4।।
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attachment either for the objects of senses or for actions, and has renounced all thoughts of the world, he is said to have climbed to the heights of yoga. (4)
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