हे श्रीकृष्ण[2] ! मेरे इस संशय को सम्पूर्ण रूप से छेदन करने के लिये आप ही योग्य हैं, क्योंकि आपके सिवा दूसरा इस संशय का छेदन करने वाला मिलना सम्भव नहीं है ।।39।।
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Krishna, it behoves you to slash this doubt of mine completely; for none other than you can be found, who can tear this doubt. (39)
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