"गीता 10:29": अवतरणों में अंतर
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मैं [[नाग|नागों]] में [[ | मैं [[नाग|नागों]] में [[शेषनाग]] और जलचरों का अधिपति [[वरुण देवता|वरुण]]<ref>वरुण जल के स्वामी तथा सम्पूर्ण सम्राटों के सम्राट हैं।</ref> [[देवता]] हूँ और [[पितर|पितरों]] में अर्यमा नामक पितर तथा शासन करने वालों में [[यमराज]]<ref>यमराज जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं।</ref> हूँ ।।29।। | ||
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13:40, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-29 / Gita Chapter-10 Verse-29
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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