"गीता 10:15": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>" to "<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 31: | पंक्ति 30: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
भूतभावान = हे भूतों को उत्पत्र | भूतभावान = हे भूतों को उत्पत्र करने वाले; भूतेश = हे भूतों के ईश्वर; देवदेव = हे देवों के देव; जगत्पते = हे जगत् के स्वामी; पुरुषोत्तम = हे पुरुषोत्तम; त्वम् = आप; स्वयम् = स्व्यम्; आत्मना= अपने से; आत्मानम् = आपको; वेत्थ = जानते हैं | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
08:11, 21 मई 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-15 / Gita Chapter-10 Verse-15
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||