"गीता 6:34": अवतरणों में अंतर
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क्योंकि हे <balloon link="कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">श्रीकृष्ण</balloon> ! यह मन बड़ा चंचल, प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है । इसलिये उसको वश में करना मैं [[वायु]] के रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर मानता हूँ ।।34।। | क्योंकि हे <balloon link="कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">श्रीकृष्ण</balloon> ! यह मन बड़ा चंचल, प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है । इसलिये उसको वश में करना मैं [[वायु देव|वायु]] के रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर मानता हूँ ।।34।। | ||
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06:48, 4 मई 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-34 / Gita Chapter-6 Verse-34
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