"गीता 10:21": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>" to "<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>") |
छो (Text replace - "[[वायु|" to "[[वायु देव|") |
||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
मैं <balloon link="अदिति" title="अदिति दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं और कश्यप ॠषि को ब्याही थीं । इनको देवमाता कहा गया है।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अदिति</balloon> के बारह पुत्रों में <balloon link="विष्णु " title="सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्री विष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">विष्णु</balloon> और ज्योतियों में किरणों वाला <balloon link="सूर्य" title="सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं। वे महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">सूर्य</balloon> हूँ तथा मैं उनचास वायु [[देवता|देवताओं]] में <balloon link="मरीचि" title="यह दक्ष का दामाद और शंकर का साढू था। इसकी पत्नि दक्ष-कन्या संभूति थी। | मैं <balloon link="अदिति" title="अदिति दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं और कश्यप ॠषि को ब्याही थीं । इनको देवमाता कहा गया है।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अदिति</balloon> के बारह पुत्रों में <balloon link="विष्णु " title="सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्री विष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">विष्णु</balloon> और ज्योतियों में किरणों वाला <balloon link="सूर्य" title="सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं। वे महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">सूर्य</balloon> हूँ तथा मैं उनचास वायु [[देवता|देवताओं]] में <balloon link="मरीचि" title="यह दक्ष का दामाद और शंकर का साढू था। इसकी पत्नि दक्ष-कन्या संभूति थी। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">मरीचि</balloon> नामक [[वायु|वायु देवता]] और नक्षत्रों का अधिपति <balloon link="चंद्र" title="पौराणिक संदर्भों के अनुसार चंद्रमा को तपस्वी अत्रि और अनुसूया की संतान बताया गया है जिसका नाम 'सोम' है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">चन्द्रमा</balloon> हूँ ।।21।। | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">मरीचि</balloon> नामक [[वायु देव|वायु देवता]] और नक्षत्रों का अधिपति <balloon link="चंद्र" title="पौराणिक संदर्भों के अनुसार चंद्रमा को तपस्वी अत्रि और अनुसूया की संतान बताया गया है जिसका नाम 'सोम' है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">चन्द्रमा</balloon> हूँ ।।21।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| |
07:16, 4 मई 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-21 / Gita Chapter-10 Verse-21
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||