"गीता 10:39": अवतरणों में अंतर
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और हे < | और हे [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। वे [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के तीसरे पुत्र थे। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर के रूप में वे प्रसिद्ध थे। [[द्रोणाचार्य]] के सबसे प्रिय शिष्य भी वही थे। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में भी उन्होंने ही जीता था।</ref> ! जो सब भूतों की उत्पत्ति का कारण है, वह भी मैं ही हूँ; क्योंकि ऐसा चर और अचर कोई भी भूत नहीं है, जो मुझसे रहित हो ।।39।। | ||
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14:00, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-39 / Gita Chapter-10 Verse-39
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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