वृष्णिवंशियों में वासुदेव[1] अर्थात् मैं स्वयं तेरा सखा, पाण्डवों[2] में धनंजय[3] अर्थात् तू, मुनियों में वेदव्यास[4] और कवियों में शुक्राचार्य[5] कवि भी मैं ही हूँ ।।37।।
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I am Krishna among the vrsnis, Arjuna among the sons of Pandu, Vyasa among the sages, and the sage shukracharya among the wise. (37)
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