श्रेणी:काव्य कोश
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- अँधेरे का दीपक -हरिवंश राय बच्चन
- अँधेरे में (कविता) -गजानन माधव मुक्तिबोध
- अँधेरे में रौशन होती चीज़े -सुभाष रस्तोगी
- अंखियां तो झाईं परी -कबीर
- अंखियां हरि-दरसन की भूखी -सूरदास
- अंखियां हरि–दरसन की प्यासी -सूरदास
- अंग अंग चंदन वन -कन्हैयालाल नंदन
- अंगारे को तुम ने छुआ -कन्हैयालाल नंदन
- अंजलि के फूल गिरे जाते हैं -माखन लाल चतुर्वेदी
- अंतरात्मा की सुनो -रश्मि प्रभा
- अंतरिक्ष -अनूप सेठी
- अंतिम बूँद -गोपालदास नीरज
- अंधियार ढल कर ही रहेगा -गोपालदास नीरज
- अक़ायद वहम है मज़हब -साहिर लुधियानवी
- अक्किथम अछूथन नंबूथिरी
- अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'
- अखि लखि लै नहीं -रैदास
- अग्निधर्म -कन्हैयालाल नंदन
- अग्निरेखा -महादेवी वर्मा
- अच्छा जो खफा हम से हो तुम ऐ सनम अच्छा -इंशा अल्ला ख़ाँ
- अच्छी सूरत पे -दाग़ देहलवी
- अच्छे मीठे फल चाख चाख -मीरां
- अजनबी की आवाज़ -आरसी प्रसाद सिंह
- अजब अपना हाल होता -दाग़ देहलवी
- अजब सलुनी प्यारी मृगया नैनों -मीरां
- अजहूँ चेति अचेत -सूरदास
- अजेय -अजेय
- अज्ञात देश से आना -भगवतीचरण वर्मा
- अट नहीं रही है -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- अति अनियारे मानौ सान दै सुधारे -रहीम
- अति जीवन -अजेय
- अदम गोंडवी
- अदालत -अवतार एनगिल
- अदावत दिल में -वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’
- अद्भुत रामायण
- अधिकार -महादेवी वर्मा
- अनल आकासाँ घर किया -कबीर
- अनामिका (कविता संग्रह)
- अनी सुहेली सेल की -कबीर
- अनुचित बचत न मानिए -रहीम
- अनुभव -शिवदीन राम जोशी
- अनुभूति -सुमित्रानंदन पंत
- अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार -काका हाथरसी
- अनूठी बातें -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- अनोखा दान -सुभद्रा कुमारी चौहान
- अन्तर दावा लगि रहै -रहीम
- अपनी गरज हो मिटी -मीरां
- अपनी महफ़िल -कन्हैयालाल नंदन
- अपने माज़ी के तसव्वुर -साहिर लुधियानवी
- अपाहिज व्यथा -दुष्यंत कुमार
- अपीलें बहुत अम्न की आ रही हैं -शिवकुमार बिलगरामी
- अप्पर
- अब आए या न आए -साहिर लुधियानवी
- अब कहाँ रस्म घर लुटाने की -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अब कुछ मरम बिचारा -रैदास
- अब कै माधव, मोहिं उधारि -सूरदास
- अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी -रैदास
- अब कैसे बीते ये उम्र सारी -वंदना गुप्ता
- अब तुम रूठो -गोपालदास नीरज
- अब तुम्हारा प्यार भी -गोपालदास नीरज
- अब तेरी सरन आयो राम -मलूकदास
- अब तो निभायाँ सरेगी, बांह गहेकी लाज -मीरां
- अब तो पथ यही है -दुष्यंत कुमार
- अब तो मज़हब -गोपालदास नीरज
- अब तो मेरा राम -मीरां
- अब तौ हरी नाम लौ लागी -मीरां
- अब न चढ़े कोई भी रंग सखी री -कैलाश शर्मा
- अब बुलाऊँ भी तुम्हें -गोपालदास नीरज
- अब मन बृज में लागत नाहीं -कैलाश शर्मा
- अब मैं नाच्यौ बहुत गुपाल -सूरदास
- अब मैं हार्यौ रे भाई -रैदास
- अब मोरी बूड़ी रे भाई -रैदास
- अब या तनुहिं राखि कहा कीजै -सूरदास
- अब रहीम मुसकिल पड़ी -रहीम
- अब लौं नसानी, अब न नसैहों -तुलसीदास
- अब वह बनी मुक्तधारा -दिनेश सिंह
- अब वही हर्फ़ ए जुनूँ -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सबकी ज़ुबाँ -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- अब हम खूब बतन -रैदास
- अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल -सूरदास
- अबरन कौं क्या बरनिये -कबीर
- अबिगत गति कछु कहति न आवै -सूरदास
- अबिगत नाथ निरंजन देवा -रैदास
- अभिनव कोमल सुन्दर पात -विद्यापति
- अभी न जाओ प्राण! -गोपालदास नीरज
- अमर गान -दिनेश सिंह
- अमर राष्ट्र -माखन लाल चतुर्वेदी
- अमर स्पर्श -सुमित्रानंदन पंत
- अमरबेलि बिनु मूल की -रहीम
- अमृत मंथन -रामधारी सिंह दिनकर
- अम्बर बदन झपाबह गोरि -विद्यापति
- अम्मा मेरे बाबा को भेजो री -अमीर ख़ुसरो
- अरज करे छे मीरा रोकडी -मीरां
- अरुण यह मधुमय देश हमारा -जयशंकर प्रसाद
- अर्ज़ियाँ -कुलदीप शर्मा
- अर्जुन की प्रतिज्ञा -मैथिलीशरण गुप्त
- अलि अब सपने की बात -महादेवी वर्मा
- अलि! मैं कण-कण को जान चली -महादेवी वर्मा
- अल्हड़ बीकानेरी -काका हाथरसी
- अवधूता युगन युगन हम योगी -कबीर
- अशाँत कस्बा -अनूप सेठी
- अश्क कैसे बहाऊँ? -वंदना गुप्ता
- अश्रु यह पानी नहीं है -महादेवी वर्मा
- अष्टभुजा शुक्ल
- अस्मिता की नुमाइश -अशोक कुमार शुक्ला
- अहम् ब्रह्मास्मि -किरण मिश्रा
- अहले-दिल और भी हैं -साहिर लुधियानवी
- अहसास का घर -कन्हैयालाल नंदन
- अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया -रैदास
आ
- आ घिर आई दई मारी घटा कारी। -अमीर ख़ुसरो
- आँख का आँसू -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- आँख पर पट्टी रहे -अदम गोंडवी
- आँगन बैठी सुन्यो पिय -देव
- आँसू -जयशंकर प्रसाद
- आँसू और आँखें -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- आइए हाथ उठाएँ हम भी -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आई छाक बुलाये स्याम -सूरदास
- आई ती ते भिस्ती जनी जगत देखके रोई -मीरां
- आई बरसाने ते बुलाय -देव
- आई में आ गए -काका हाथरसी
- आओ अब समय नहीं बाक़ी -कैलाश शर्मा
- आओ कि कोई ख़्वाब बुनें -साहिर लुधियानवी
- आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट -मीरां
- आओ सहेल्हां रली करां है पर घर गवण निवारि -मीरां
- आओ, हम अपना मन टोवें -सुमित्रानंदन पंत
- आख़िर अपनों से कैसी पर्दादारी? -वंदना गुप्ता
- आग की भीख -रामधारी सिंह दिनकर
- आग के इलाक़े में आओ -अजेय
- आग के इलाके का आदमी -अजेय
- आग जलती रहे -दुष्यंत कुमार
- आछो गात अकारथ गार्यो -सूरदास
- आज कितनी अच्छी धूप है ! -अजेय
- आज जब वह जा रही है -अजेय
- आज तुम मेरे लिए हो -हरिवंश राय बच्चन
- आज दिवस लेऊँ बलिहारा -रैदास
- आज नयन के बँगले में -माखन लाल चतुर्वेदी
- आज नां द्यौस नां ल्यौ बलिहारा -रैदास
- आज प्रथम गाई पिक -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- आज प्रथम गाई पिक पंचम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आज मदहोश हुआ जाए रे -गोपालदास नीरज
- आज मानव का -भगवतीचरण वर्मा
- आज मानव का सुनहला प्रात है -भगवतीचरण वर्मा
- आज मारे साधुजननो संगरे राणा -मीरां
- आज मेरेओ भाग जागो साधु आये पावना -मीरां
- आज रहने दो यह गृह-काज -सुमित्रानंदन पंत
- आज शाम है बहुत उदास -भगवतीचरण वर्मा
- आज सडकों पर -दुष्यंत कुमार
- आज़ादी की पूर्व संध्या पर (2) -कुलदीप शर्मा
- आज़ादी की पूर्व संध्या पर -कुलदीप शर्मा
- आजाद -सुमित्रानंदन पंत
- आजु नाथ एक व्रत -विद्यापति
- आजु मैं गाई चरावन जैहों -सूरदास
- आजु हौं एक एक करि टरिहौं -सूरदास
- आज्यो म्हारे देस -मीरां
- आतंक -कुलदीप शर्मा
- आतुर थई छुं सुख जोवांने -मीरां
- आत्म विश्वास (1) -शिवदीन राम जोशी
- आत्म विश्वास (2) -शिवदीन राम जोशी
- आत्मबोध -कन्हैयालाल नंदन
- आत्महत्या -काका हाथरसी
- आत्मा का चिर-धन -सुमित्रानंदन पंत
- आत्मा रंजन
- आत्मिका -महादेवी वर्मा
- आत्मकथ्य -जयशंकर प्रसाद
- आदमी के अंदर बसता है शहर -रोहित ठाकुर
- आदमी को प्यार दो -गोपालदास नीरज
- आदमी जो चौक़ उठता है नींद में -सुभाष रस्तोग़ी
- आदमी नामा -नज़ीर अकबराबादी
- आदर घटै नरेस ढिग -रहीम
- आदरें अधिक काज नहि बंध -विद्यापति
- आधुनिकता -काका हाथरसी
- आनि सँजोग परै -सूरदास
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है जिंदगी -अदम गोंडवी
- आप की याद आती रही रात भर -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आप न काहू काम के -रहीम
- आप से आप तक अपने आप -नीलम प्रभा
- आपकी आवाज़ हूँ मैं -शिवकुमार बिलगरामी
- आफ़त की शोख़ियाँ हैं -दाग़ देहलवी
- आब गई आदर गया -रहीम
- आमंत्रण -किरण मिश्रा
- आय मिलौ मोहि -मीरां
- आया अनआया भया -कबीर
- आयी देखत मनमोहनकू -मीरां
- आयौ हो आयौ देव तुम्ह सरनां -रैदास
- आरजू है वफ़ा करे कोई -दाग़ देहलवी
- आरती श्री उल्लूजी की -काका हाथरसी
- आराधना -सुभद्रा कुमारी चौहान
- आर्कटिक वेधशाला में कार्यरत वैज्ञानिक मित्रों के कुछ नोटस -अजेय
- आर्कटिक वेधशाला से कुछ नोट्स -अजेय
- आर्य -मैथिलीशरण गुप्त
- आलपिन कांड -अशोक चक्रधर
- आली , सांवरे की दृष्टि मानो, प्रेम की कटारी है -मीरां
- आली रे! -मीरां
- आली, म्हांने लागे वृन्दावन नीको -मीरां
- आलू का सीज़न -अजेय
- आलोक मेहता
- आवत है वन ते मनमोहन -रसखान
- आवन सुन्यो है मनभावन -देव
- आशा का दीपक -रामधारी सिंह दिनकर