जो मुझको अजन्मा अर्थात् वास्तव में जन्मरहित, अनादि और लोकों का महान् ईश्वर तत्त्व से जानता है, वह मनुष्यों में ज्ञानवान् पुरुष सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है ।।3।।
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He who know me in reality as birthless and without beginning, and as the supreme Lord of the universe, he, undeluded among men, is purged of all sins. (3)
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