"गीता 6:21": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - '<td> {{गीता अध्याय}} </td>' to '<td> {{गीता अध्याय}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>') |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "बुद्वि" to "बुद्धि") |
||
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 19: | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
इन्द्रियों से अतीत, केवल शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ग्रहण करने योग्य जो अनन्त आनन्द है, उसको जिस अवस्था में अनुभव करता है और जिस अवस्था में स्थित यह योगी परमात्मा के स्वरूप से विचलित होता ही नहीं ।।21।। | [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] से अतीत, केवल शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ग्रहण करने योग्य जो अनन्त आनन्द है, उसको जिस अवस्था में अनुभव करता है और जिस अवस्था में स्थित यह योगी परमात्मा के स्वरूप से विचलित होता ही नहीं ।।21।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
पंक्ति 31: | पंक्ति 30: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
अतीन्द्रियम् = इन्द्रियों से अतीत; | अतीन्द्रियम् = इन्द्रियों से अतीत; बुद्धिग्राह्मम् = केवल शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ग्रहण करने करने योग्य; आत्यन्तिकम् = अनन्त; सुखम् = आनन्द है; तत् = उसको; यत्र = जिस अवस्था में; वेत्ति = अनुभव करता है; (यत्र) = जिस अवस्था में; स्थित: = स्थित हुआ; अयम् = यह योगी; तत्वत्: = भगवतत्स्वरूप से; न एव = नहीं; चलति = चलायमान होता है | ||
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति 55: | पंक्ति 54: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | {{महाभारत}} | ||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> |
08:18, 15 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-21 / Gita Chapter-6 Verse-21
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||