"गीता 6:21": अवतरणों में अंतर
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अतीन्द्रियम् = इन्द्रियों से अतीत; | अतीन्द्रियम् = इन्द्रियों से अतीत; बुद्धिग्राह्मम् = केवल शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ग्रहण करने करने योग्य; आत्यन्तिकम् = अनन्त; सुखम् = आनन्द है; तत् = उसको; यत्र = जिस अवस्था में; वेत्ति = अनुभव करता है; (यत्र) = जिस अवस्था में; स्थित: = स्थित हुआ; अयम् = यह योगी; तत्वत्: = भगवतत्स्वरूप से; न एव = नहीं; चलति = चलायमान होता है | ||
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08:18, 15 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-21 / Gita Chapter-6 Verse-21
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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