"गीता 6:26": अवतरणों में अंतर
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यह स्थिर न रहने वाला और चंचल मन जिस-जिस शब्दादि विषय के निमित्त से संसार में विचरता है, उस विषय से रोककर यानी हटाकर इसे बार-बार परमात्मा में | यह स्थिर न रहने वाला और चंचल मन जिस-जिस शब्दादि विषय के निमित्त से संसार में विचरता है, उस विषय से रोककर यानी हटाकर इसे बार-बार परमात्मा में निरुद्ध करे ।।26।। | ||
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{{ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
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06:23, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-26 / Gita Chapter-6 Verse-26
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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