"गीता 6:40": अवतरणों में अंतर
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'''श्रीभगवान् बोले-''' | '''श्रीभगवान् बोले-''' | ||
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हे < | हे पार्थ<ref>पार्थ, भारत, धनंजय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! उस पुरुष का न तो इस लोक में नाश होता है और न परलोक में ही। क्योंकि हे प्यारे ! आत्मोद्वार के लिये अर्थात् भगवत्प्राप्ति के लिये कर्म करने वाला कोई भी मनुष्य दुर्गति को प्राप्त नहीं होता ।।40।। | ||
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06:48, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-40 / Gita Chapter-6 Verse-40
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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