"साँचा:सूरदास की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर

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|रचना 5=अंखियां हरि-दरसन की भूखी
|रचना 5=अंखियां हरि-दरसन की भूखी
|रचना 6=धोखैं ही धोखैं डहकायौ
|रचना 6=धोखैं ही धोखैं डहकायौ
|रचना 7=
|रचना 7=बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं
|रचना 8=दृढ इन चरण कैरो भरोसो
|रचना 8=दृढ इन चरण कैरो भरोसो
|रचना 9=अंखियां हरि–दरसन की प्यासी
|रचना 9=अंखियां हरि–दरसन की प्यासी
|रचना 10=
|रचना 10=प्रीति करि काहु सुख न लह्यो
|रचना 11=जागिए ब्रजराज कुंवर
|रचना 11=जागिए ब्रजराज कुंवर
|रचना 12=आजु मैं गाई चरावन जैहों
|रचना 12=आजु मैं गाई चरावन जैहों
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
|रचना 17=चरन कमल बंदौ हरि राई
|रचना 17=चरन कमल बंदौ हरि राई
|रचना 18=अपन जान मैं बहुत करी
|रचना 18=अपन जान मैं बहुत करी
|रचना 19=
|रचना 19=बृथा सु जन्म गंवैहैं
|रचना 20=
|रचना 20=मधुकर! स्याम हमारे चोर
|रचना 21=नटवर वेष काछे स्याम
|रचना 21=नटवर वेष काछे स्याम
|रचना 22=अब कै माधव, मोहिं उधारि
|रचना 22=अब कै माधव, मोहिं उधारि
पंक्ति 31: पंक्ति 31:
|कवि का नाम=सूरदास
|कवि का नाम=सूरदास
|रचना प्रकार=
|रचना प्रकार=
|रचना 1=
|रचना 1=प्रभु, मेरे औगुन न विचारौ
|रचना 2=कहियौ, नंद कठोर भये
|रचना 2=कहियौ, नंद कठोर भये
|रचना 3=
|रचना 3=मेटि सकै नहिं कोइ
|रचना 4=
|रचना 4=
|रचना 5=अब या तनुहिं राखि कहा कीजै
|रचना 5=अब या तनुहिं राखि कहा कीजै
|रचना 6=
|रचना 6=
|रचना 7=
|रचना 7=मन तोसों कोटिक बार कहीं
|रचना 8=आनि सँजोग परै
|रचना 8=आनि सँजोग परै
|रचना 9=जापर दीनानाथ ढरै
|रचना 9=जापर दीनानाथ ढरै
पंक्ति 44: पंक्ति 44:
|रचना 12=
|रचना 12=
|रचना 13=गिरि जनि गिरै स्याम के कर तैं
|रचना 13=गिरि जनि गिरै स्याम के कर तैं
|रचना 14=
|रचना 14=प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ
|रचना 15=अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल
|रचना 15=अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल
|रचना 16=उपमा हरि तनु देखि लजानी
|रचना 16=उपमा हरि तनु देखि लजानी
|रचना 17=
|रचना 17=
|रचना 18=ऊधो, हम लायक सिख दीजै
|रचना 18=ऊधो, हम लायक सिख दीजै
|रचना 19=
|रचना 19=भाव भगति है जाकें
|रचना 20=नाथ, अनाथन की सुधि लीजै
|रचना 20=नाथ, अनाथन की सुधि लीजै
|रचना 21=अबिगत गति कछु कहति न आवै
|रचना 21=अबिगत गति कछु कहति न आवै
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|कवि का नाम=सूरदास
|कवि का नाम=सूरदास
|रचना प्रकार=
|रचना प्रकार=
|रचना 1=
|रचना 1=भजु मन चरन संकट-हरन
|रचना 2=जो पै हरिहिंन शस्त्र गहाऊं  
|रचना 2=जो पै हरिहिंन शस्त्र गहाऊं  
|रचना 3=
|रचना 3=मुरली गति बिपरीत कराई
|रचना 4=ऊधो, मन माने की बात
|रचना 4=ऊधो, मन माने की बात
|रचना 5=
|रचना 5=
|रचना 6=
|रचना 6=भोरहि सहचरि कातर दिठि
|रचना 7=कब तुम मोसो पतित उधारो
|रचना 7=कब तुम मोसो पतित उधारो
|रचना 8=
|रचना 8=
पंक्ति 76: पंक्ति 76:
|रचना 16=
|रचना 16=
|रचना 17=
|रचना 17=
|रचना 18=
|रचना 18=मन धन-धाम धरे
|रचना 19=
|रचना 19=प्रीति करि काहू सुख न लह्यो
|रचना 20=ऎसी प्रीति की बलि जाऊं  
|रचना 20=ऎसी प्रीति की बलि जाऊं  
|रचना 21=जौ बिधिना अपबस करि पाऊं
|रचना 21=जौ बिधिना अपबस करि पाऊं
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|रचना 2=तिहारो दरस मोहे भावे
|रचना 2=तिहारो दरस मोहे भावे
|रचना 3=निसिदिन बरसत नैन हमारे
|रचना 3=निसिदिन बरसत नैन हमारे
|रचना 4=
|रचना 4=माधवजू, जो जन तैं बिगरै
|रचना 5=
|रचना 5=
|रचना 6=
|रचना 6=
|रचना 7=
|रचना 7=
|रचना 8=
|रचना 8=फिर फिर कहा सिखावत बात
|रचना 9=खेलत नंद-आंगन गोविन्द
|रचना 9=खेलत नंद-आंगन गोविन्द
|रचना 10=
|रचना 10=माधव कत तोर करब बड़ाई
|रचना 11=  
|रचना 11=  
|रचना 12=जसोदा, तेरो भलो हियो है माई
|रचना 12=जसोदा, तेरो भलो हियो है माई
पंक्ति 104: पंक्ति 104:
|रचना 16=
|रचना 16=
|रचना 17=कहां लौं बरनौं सुंदरताई
|रचना 17=कहां लौं बरनौं सुंदरताई
|रचना 18=
|रचना 18=बदन मनोहर गात
|रचना 19=तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान
|रचना 19=तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान
|रचना 20=ऐसैं मोहिं और कौन पहिंचानै
|रचना 20=ऐसैं मोहिं और कौन पहिंचानै

08:41, 1 मार्च 2012 का अवतरण