जिस प्रकार वायुरहित स्थान में स्थित दीपक चलायमान नहीं होता, वैसी ही उपमा परमात्मा के ध्यान में लगे हुए योगी के जीते हुए चित्त की कही गयी है ।।19।।
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As a light does not flicker in a windless place, such is stated to be the picture of the disciplined mind of the Yogi practicing meditation on god. (19)
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