अपने द्वारा अपना संसार समुद्र से उद्धार करे और अपने को अधोगति में न डाले, क्योंकि यह मनुष्य आप ही तो अपना मित्र है और आप ही अपना शत्रु है ।।5।।
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One should lift oneself by one’s own efforts and should not degrade oneself; for one’s own self is one’s friend, and ones own self is one’s enemy.(5)
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