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यहाँ आप भारत की विभिन्न भाषा के साहित्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं के [[साहित्य]] से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही साहित्य कहलाता है।
* [[हिन्दी]] साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की [[ब्रजभाषा]], [[अवधी भाषा|अवधी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]] और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
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{{Headnote2| [[:श्रेणी:साहित्य कोश|साहित्य श्रेणी के सभी लेख देखें:- साहित्य कोश]]}}
<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>साहित्य मुखपृष्ठ</h2></div>
[[चित्र:Sahitya-suchi.jpg|center|70px]]
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♦ हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं।<br />
♦ पुरानी अंग्रेज़ी का जो साहित्य उपलब्ध है, उसके आधार पर पता लगता है कि प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
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| class="headbg1" style="border:1px solid #FFDA6A;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div class="headbg2"><span style="color: rgb(153, 51, 0); padding-left:8px;">'''विशेष आलेख'''</span></div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[नज़ीर अकबराबादी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Rabindranath-Tagore.jpg|right|150px|रबीन्द्रनाथ ठाकुर|link=रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] </div>
<div id="rollnone">[[चित्र:Nazeer-Akbarabadi.jpg|right|80px|नज़ीर अकबराबादी|link=नज़ीर अकबराबादी|border]]</div>
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें [[1913]] में साहित्य के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया।
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*रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म [[7 मई]], [[1861]] कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में '''देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी''' के पुत्र के रूप में एक संपन्न बांग्ला परिवार में हुआ था।
        '''[[नज़ीर अकबराबादी]]''' [[उर्दू]] में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, [[जलेबी]] और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे [[उर्दू साहित्य]] के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और [[अलंकार|अलंकारों]] से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। [[नज़ीर अकबराबादी|... और पढ़ें]]
*उनकी स्कूल की पढ़ाई प्रतिष्ठित सेंट ज़ेवियर स्कूल में हुई। टैगोर ने बैरिस्टर बनने की चाहत में [[1878]] में [[इंग्लैंड]] के ब्रिजटोन में पब्लिक स्कूल में नाम दर्ज कराया।
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*'''गल्पगुच्छ की तीन जिल्दों में उनकी सारी चौरासी कहानियाँ''' संगृहीत हैं, जिनमें से केवल दस प्रतिनिधि कहानियाँ चुनना टेढ़ी खीर है।
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*वे अपनी कहानियाँ सबुज पत्र (हरे पत्ते) में छपाते थे। आज भी पाठकों को उनकी कहानियों में 'हरे पत्ते' और 'हरे गाछ' मिल सकते हैं।
 
*'''[[राष्‍ट्रगान]] (जन गण मन) के रचयिता''' टैगोर को [[बंगाल]] के ग्राम्यांचल से प्रेम था और इनमें भी पद्मा नदी उन्हें सबसे अधिक प्रिय थी।
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*वास्तव में टैगोर की कविताओं का अनुवाद लगभग असंभव है और बांग्ला समाज के सभी वर्गों में आज तक जनप्रिय उनके 2,000 से अधिक गीतों, जो 'रबींद्र संगीत' के नाम से जाने जाते हैं, पर भी यह लागू होता है। '''[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|.... और पढ़ें]]'''
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| class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c; text-align:center;">'''महत्त्वपूर्ण लेख'''</div>[[जैन साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अंग्रेज़ी साहित्य]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[जयशंकर प्रसाद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[प्रेमचंद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[कबीर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रहीम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूरदास]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कालिदास]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामचन्द्र शुक्ल]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महायान साहित्य]]
| class="bgsahitya3" style="border:1px solid #FFDA6A; padding:10px;" valign="top" | '''चयनित लेख'''
&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[गुप्तकालीन साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[जैन पुराण साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामधारी सिंह दिनकर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[राहुल सांकृत्यायन]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामनरेश त्रिपाठी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[पांडुरंग वामन काणे]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सआदत हसन मंटो]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[रामायण]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महाभारत]]
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&nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[राजभाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अंग्रेज़ी भाषा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सांख्य साहित्य]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महादेवी वर्मा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[वेद]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[दर्शन शास्त्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[उपनिषद]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[सरोजिनी नायडू]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृतलाल नागर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृता प्रीतम]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन|अज्ञेय]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[अरबिंदो घोष]]
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रसखान]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Raskhan-1.jpg|right|150px|रसखान की समाधि, मथुरा|link=रसखान]] </div>
*हिन्दी साहित्य में कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन कवियों में रसखान का महत्वपूर्ण स्थान है। 'रसखान' को रस की ख़ान कहा जाता है।
*'''सैय्यद इब्राहीम रसखान''' का जन्म उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन 1533 से 1558 के बीच हैं। जो लगभग मुग़ल सम्राट [[अकबर]] के समकालीन हैं।
*रसखान का जन्मस्थान 'पिहानी' कुछ लोगों के मतानुसार [[दिल्ली]] के समीप है। कुछ और लोगों के मतानुसार यह 'पिहानी' [[उत्तरप्रदेश]] के 'हरदोई ज़िले' में है।
*रसखान पहले [[मुसलमान]] थे। बाद में वैष्णव होकर [[ब्रज]] में रहने लगे थे। इसका वर्णन '[[भक्तमाल]]' में है।
*रसखान के काव्य में छ: स्थायी भावों की निबंधना मिलती है- रति, निर्वेद, उत्साह, हास, वात्सल्य और भक्ति।
*रसखान की भाषा की विशेषता उसकी स्वाभाविकता है। उन्होंने [[ब्रजभाषा]] के साथ खिलवाड़ न कर उसके मधुर, सहज एवं स्वाभाविक रूप को अपनाया।
*रसखान की मृत्यु के बारे में कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं मिलते हैं। '''[[रसखान|.... और पढ़ें]]'''
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{{Robelbox|theme=3|title=साहित्य श्रेणी वृक्ष}}
<div style="padding-left:8px;" class="headbg2"><span style="color: rgb(153, 51, 0);">'''कुछ चुने हुए लेख'''</span></div>
<div style="{{Robelbox/pad}}; font-size:90%; height:800px; overflow:auto;">
* [[जैन साहित्य]]
* [[अंग्रेज़ी साहित्य]]
* [[जयशंकर प्रसाद]]
* [[प्रेमचंद]]
* [[कबीर]]
* [[रहीम]]
* [[सूरदास]]
* [[महायान साहित्य]]
* [[गुप्तकालीन साहित्य]]
* [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
* [[जैन पुराण साहित्य]]
* [[रामधारी सिंह दिनकर]]
* [[रामायण]]
* [[महाभारत]]
* [[राजभाषा]]
* [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]]
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
* [[सांख्य साहित्य]]
* [[महादेवी वर्मा]]
* [[वेद]]
* [[दर्शन शास्त्र]]
* [[उपनिषद]]
* [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
* [[सरोजिनी नायडू]]
* [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
* [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]]
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<div style="padding-left:8px;" class="headbg2"><span style="color: rgb(153, 51, 0);">'''साहित्य श्रेणी वृक्ष'''</span></div>
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==संबंधित लेख==
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07:10, 12 मई 2021 के समय का अवतरण

  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं के साहित्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।
  • हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
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विशेष आलेख

नज़ीर अकबराबादी
नज़ीर अकबराबादी

        नज़ीर अकबराबादी उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं। समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी को नज़ीर साहब ने कविता में तब्दील कर दिया। ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को आलोचक कविता मानने से इनकार करते रहे। बाद में नज़ीर साहब की 'उत्कृष्ट शायरी' को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं। लगभग सौ वर्ष की आयु पाने पर भी इस शायर को जीते जी उतनी ख्याति नहीं प्राप्त हुई जितनी कि उन्हें आज मिल रही है। नज़ीर की शायरी से पता चलता है कि उन्होंने जीवन-रूपी पुस्तक का अध्ययन बहुत अच्छी तरह किया है। भाषा के क्षेत्र में भी वे उदार हैं, उन्होंने अपनी शायरी में जन-संस्कृति का, जिसमें हिन्दू संस्कृति भी शामिल है, दिग्दर्शन कराया है और हिन्दी के शब्दों से परहेज़ नहीं किया है। उनकी शैली सीधी असर डालने वाली है और अलंकारों से मुक्त है। शायद इसीलिए वे बहुत लोकप्रिय भी हुए। ... और पढ़ें

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