♦ भारत की राज्य संरचना भारत के संघीय प्रशासनिक ढाँचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई हैं।
♦ भारत के राज्यों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, जिनका चुनाव उस राज्य के मतदाताओं द्वारा प्रति पाँच वर्ष की अवधि पर किया जाता है।
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♦ प्रत्येक राज्य की अपनी विधानसभा भी होती हैं, जो राज्य स्तर पर भारत की संसद के समान ही हैं, जहाँ से राज्य सरकार, राज्य में शासन चलाती है।
♦ वर्ष 2010 की स्थिति तक भारत में 28 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश है।
'भारत रत्न उच्चतम नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, राजनीतिज्ञ, विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को असाधारण सेवा के लिए तथा उच्च लोक सेवा को मान्यता देने के लिए भारत सरकार की ओर से दिया जाता है।
इस पुरस्कार के रूप में दिए जाने वाले सम्मान की मूल रूप - रेखा 35 मिलिमीटर व्यास वाला गोलाकार स्वर्ण पदक है जिस पर सूर्य और ऊपर हिन्दी भाषा में भारत रत्न और नीचे एक फूलों का गुलदस्ता बना होता है।
यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 को प्रारम्भ किया गया था। यह पुरस्कार भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा घोषित किया गया था।
भारत रत्न 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। सबसे पहला पुरस्कार प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन को दिया गया था।
अब तक 41 लोगों को भारत रत्न से सम्मनित किया गया है। .... और पढ़ें
राष्ट्रीय पशु 'बाघ' पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। राजसी बाघ, तेंदुआ, टाइग्रिस धारीदार जानवर है। अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए बाघ को 'राष्ट्रीय पशु' कहलाने का गौरव प्राप्त है।
इसकी आठ प्रजातियों में से भारत में पाई जाने वाली प्रजाति को ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर बाकी सारे देशों में यह प्रजाति पायी जाती है।
भारत के अतिरिक्त यह नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है।
वर्ष 2010 में 'वर्ल्ड वाइड फ़ंड फ़ॉर नेचर' ने बाघों की आबादी महज 3,500 बताई। इसके पहले डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. ने दुनिया भर में बाघों की संख्या 4000 के लगभग बताई थी।
खत्म होते जंगल और शिकारियों पर अंकुश न होने से राष्ट्रीय पशु और जंगल के राजा बाघ की संख्या लगातार कम होती जा रही है। देश के सभी अभयारण्य में लगातार इनकी संख्या कम होती जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बीसवीं सदी के शुरू में देश में 40 हज़ार से ज़्यादा बाघ थे।
बाघों की इस तरह गिरती संख्या पर केन्द्र सरकार ने 1973 में 'नौ टाइगर रिजर्व' इलाकों में 'बाघ बचाओ योजना' शुरू की। इसमें उत्तर प्रदेश तथा अब उत्तराखंड का जिम कार्बेट बाघ संरक्षित वन क्षेत्र भी शामिल था।
वन्य जीवों के लिए काम करने वालों का मानना है कि साल 2025 तक बाघों के विलुप्त हो जाने का खतरा है। बाघों की कुल आबादी के 40 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। भारत के 17 प्रदेशों में बाघों के 23 संरक्षित क्षेत्र हैं। .... और पढ़ें
राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फ़िन सभी देशों के नदियों के जल, मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी डॉल्फ़िन, पाकिस्तान के सिंधु नदी के जल में पाई जाती है।
वर्ष 2005 से विश्व प्रकृति निधि और सेवियर्स संस्था ने डॉल्फ़िन को बचाने की मुहिम चलाई है। इसी मुहिम के तहत सरकार ने 5 अक्तूबर, 2009 को डॉल्फ़िन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है।
यह स्तनधारी जीव पवित्र गंगा नदी की शुद्धता को भी प्रकट करता है, क्योंकि यह केवल शुद्ध और मीठे पानी में ही जीवित रह सकता है। इन्हें आम तौर पर सुसु कहा जाता है क्योंकि यह सांस लेते समय ऐसी ही आवाज निकालती है।
गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फ़िन भारत की एक महत्वपूर्ण संकटापन्न प्रजाति है और इसलिए इसे वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 में शामिल किया गया है।
गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डॉल्फ़िन एक नेत्रहीन जलीय जीव है जिसकी घ्राण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। विलुप्त प्राय इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गयी है जिसका मुख्य कारण गंगा का बढता प्रदूषण, बांधों का निर्माण एवं शिकार है।
इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है जिसे अन्य मछलियों को पकड़ने के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस समय उत्तर प्रदेश के नरोरा और बिहार के पटना साहिब के बहुत थोड़े से क्षेत्र में गंगा डॉल्फ़िन बचीं हैं।
यह प्राचीन जीव क़रीब 10 करोड़ साल से भारत में मौजूद है। यह मछली नहीं दरअसल एक स्तनधारी जीव है। मादा की औसत लम्बाई नर डॉल्फ़िन से अधिक होती है। इसकी औसत आयु 28 वर्ष रिकार्ड की गयी है। .... और पढ़ें