पाण्डु[2] पुत्र अर्जुन[3] ने उस समय अनेक प्रकार से विभक्त अर्थात् पृथक्-पृथक् सम्पूर्ण जगत् को देवों के देव श्रीकृष्ण[4] भगवान् के उस शरीर में एक जगह स्थित देखा ।।13।।
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Concentrated at one place in the person of that supreme deity, Arjuna then beheld the whole universe with its manifold divisions. (13)
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