हे प्रभो ! यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर[1] ! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइये ।।4।।
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Krishna, if you think that it can be seen by me, them, O lord of yoga, reveal to me your imperishable form. (4)
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