संजय बोले-
वासुदेव भगवान् ने अर्जुन के प्रति इस प्रकार कहकर फिर वैसे ही अपने चतुर्भुज रूप को दिखलाया और फिर महात्मा श्रीकृष्ण[4] ने सौम्यमूर्ति होकर इस भयभीत अर्जुन को धीरज दिया ।।50।।
|
Sanjaya said-
Having spoked this to Arjuna, Bhagavan Vasudeva again showed to him in the same way his own four-armed form; and then, assuming a gentle form, the high-souled sri krsna consoled the frightened Arjuna. (50)
|