हे परमेश्वर ! आप अपने को जैसा कहते हैं, यह ठीक ऐसा ही है; परंतु हे पुरुषोत्तम[1] ! आपके ज्ञान, ऐश्वर्य, शक्ति, बल, वीर्य और तेज़ से युक्त ऐश्वर-रूप को मैं प्रत्यक्ष देखना चाहता हूँ ।।3।।
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Your divine form possessed of wisdom, glory, energy, strength, valour and effulgence, O best of persons ! (3)
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