अर्जुन बोले-
हे जनार्दन[3] ! आपके इस अति शान्त मनुष्य रूप को देखकर अब मैं स्थिरचित्त हो गया हूँ और अपनी स्वाभाविक स्थिति को प्राप्त हो गया हूँ ।।51।।
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Arjuna said-
Krishna, seeing this gentle human form of yours I have regained my composure and am myself again. (51)
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