हे अर्जुन[1] ! जिस प्रकार एक ही सूर्य[2] इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को प्रकाशित करता है, उसी प्रकार एक ही आत्मा सम्पूर्ण क्षेत्र को प्रकाशित करता है ।।33।।
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Arjuna, as the one sun illumines this entire universe, so the one atma(spirit) illumines the whole ksetra (field). (33)
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