तथा इच्छा, द्वेष, सुख, दु:ख, स्थूल देह का पिण्ड, चेतना और धृति – इस प्रकार विकारों के सहित यह क्षेत्र संक्षेप में कहा गया हैं ।।6।।
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Also desire, aversion, pleasure, pain the physical body, consciousness, firmness: thus is the ksetra, with its evolutes, briefly states. (6)
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