पुत्र, स्त्री, घर और धन आदि में आसक्ति का अभाव; ममता का न होना तथा प्रिय और अप्रिय की प्राप्ति में सदा ही चित्त का सम रहना ।।9।।
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Absence of attachment and the feeling of mineness in respect of son, wife, home etc., and constant equipoise of mind both in favourable and unfavourable circumstances; (9)
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