"गीता 11:3": अवतरणों में अंतर
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हे परमेश्वर ! आप अपने को जैसा कहते हैं, यह ठीक ऐसा ही है; परंतु हे < | हे परमेश्वर ! आप अपने को जैसा कहते हैं, यह ठीक ऐसा ही है; परंतु हे पुरुषोत्तम<ref>मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् [[कृष्ण]] का ही सम्बोधन है।</ref> ! आपके ज्ञान, ऐश्वर्य, शक्ति, बल, वीर्य और तेज़ से युक्त ऐश्वर-रूप को मैं प्रत्यक्ष देखना चाहता हूँ ।।3।। | ||
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05:45, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-3 / Gita Chapter-11 Verse-3
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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