"गीता 11:4": अवतरणों में अंतर
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हे प्रभो ! यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे < | हे प्रभो ! यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर<ref>मधुसूदन, केशव, योगेश्वर, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् [[कृष्ण]] का ही सम्बोधन है।</ref> ! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइये ।।4।। | ||
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05:45, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-4 / Gita Chapter-11 Verse-4
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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