"गीता 11:22": अवतरणों में अंतर
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जो ग्यारह रुद्र और बारह [[आदित्य देवता|आदित्य]] तथा आठ [[वायु]], साध्यगण, विश्वेदेव, < | जो ग्यारह रुद्र और बारह [[आदित्य देवता|आदित्य]] तथा आठ [[वायु देव|वायु]], साध्यगण, विश्वेदेव, [[अश्विनीकुमार]]<ref>अश्विनी से उत्पन्न, [[सूर्य देव|सूर्य]] के औरस पुत्र, दो वैदिक [[देवता]] थे। ये देव चिकित्सक थे।</ref> तथा मरूद्गण और [[पितर|पितरों]] का समुदाय तथा [[गन्धर्व]], [[यक्ष]], राक्षस और सिद्धों के समुदाय हैं- वे सब ही विस्मित होकर आपको देखते हैं ।।22।। | ||
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06:38, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-22 / Gita Chapter-11 Verse-22
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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