"गीता 11:46": अवतरणों में अंतर
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मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किये हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिये हुए देखना चाहता हूँ, इसलिये हे विश्व स्वरूप ! हे < | मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किये हुए तथा [[गदा शस्त्र|गदा]] और [[चक्र अस्त्र|चक्र]] हाथ में लिये हुए देखना चाहता हूँ, इसलिये हे विश्व स्वरूप ! हे सहस्त्रबाहो<ref>मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव,सहस्त्रबाहो, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् [[कृष्ण]] का ही सम्बोधन है।</ref> ! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइये। ।।46।। | ||
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08:03, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-46 / Gita Chapter-11 Verse-46
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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