"गीता 11:2": अवतरणों में अंतर
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क्योंकि हे < | क्योंकि हे कमलनेत्र<ref>मधुसूदन, केशव, कमलनेत्र, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् [[कृष्ण]] का ही सम्बोधन है।</ref> ! मैंने आपसे भूतों की उत्पत्ति और प्रलय विस्तारपूर्वक सुने हैं तथा आपकी अविनाशी महिमा भी सुनी है ।।2।। | ||
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{{ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
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05:43, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-2 / Gita Chapter-11 Verse-2
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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