"गीता 11:17": अवतरणों में अंतर
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आपको मैं मुकुट युक्त, | आपको मैं मुकुट युक्त, [[गदा शस्त्र|गदा]] युक्त और [[चक्र अस्त्र|चक्र]] युक्त तथा सब ओर से प्रकाशमान तेज़ के पुंज, प्रज्वलित [[अग्नि]] और [[सूर्य]]<ref>सूर्य [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] के पुत्र हैं। वे महर्षि कश्यप की पत्नी [[अदिति]] के गर्भ से उत्पन्न हुए।</ref> के सदृश ज्योतियुक्त, कठिनता से देखे जाने योग्य और सब ओर से अप्रमेय स्वरूप देखता हूँ ।।17।। | ||
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त्वाम् = अपको(मैं); किरीटिनम् = मुकुटयुकत; गदिनम् = गदायुक्त; चक्रिणम् = चक्रयुक्त(तथा); सर्वत: = सब ओर से; दीप्तिमन्तम् = प्रकाशमान; तेजोराशिम् = | त्वाम् = अपको(मैं); किरीटिनम् = मुकुटयुकत; गदिनम् = गदायुक्त; चक्रिणम् = चक्रयुक्त(तथा); सर्वत: = सब ओर से; दीप्तिमन्तम् = प्रकाशमान; तेजोराशिम् = तेज़ का पुज्ज; दीप्तानलार्कद्युतिम् = प्रज्वलित अग्नि और सूर्य के सदृश ज्योतियुक्त; दूर्निरीक्ष्यम् =देखनेमें अति गहन(और); अप्रमेयम् = अप्रमेयस्वरूप; समन्तात् = सब ओरसे | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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06:20, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-17 / Gita Chapter-11 Verse-17
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
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